पैली यनू त कबी नि ह्ववे कबी नि ह्ववे

पैली यानू त कबी नि ह्ववे कबी नि ह्ववे
अब ह्ववे त क्यान ह्ववे क्यान ह्ववे..
मन अपडा बस मा नि राई, क्वि ऊपरी मन बसी ग्याई.. हो….ओ..

तन मा क्यफ़णि सी क्यफ़णि झणि क्यँन हूंद
मन मा कुतगली सी कुतगाली से झणि कु लगांद
कुछ ह्ववे गे मी थे, कुछ ह्ववे गे मी थे
ह्वाई क्याच…ह्वाई क्याच समझ मा नि आई….
मन अपडा बस मा नि राई.. ….हो. हो हो..
मन अपडा बस मा नि राई

तेरी जीकुड़ी धक धक धक धक़दीयाट के कु कनि न……..
तेरी आंखि रक रक रक रक्रियट केन कनि न
बैध बुला ज़रा, दारू दवे करा..
सदनी कु….सदनी कु रोग लगी ग्याई..
मन आपडा बस मा नि राई….हो. हो हो..
मन आपदा बस मा नि राई.

मन मा बनबनी का बनबनी का फूल खिलिया न…
सुपीन्या बन बनी का बन बनी का रंगों मा रंगीया न..
सुपीन्यो का रंग मा मायादार संग मा..
धरती-आ.. धरती आकाश रंगी ग्याई …
मन आप डा बस मा नि राई.. हो हो….
पैली यानू त कबी नि ह्ववे कबी नि ह्ववे
अब ह्ववे त क्यान ह्ववे क्यान ह्ववे
मन अपडा बस मा नि राई, क्वि ऊपरी मन बसी ग्याई.. हो….ओ..


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